PM Vishwakarma Yojana केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण पहल है। इस योजना का उद्देश्य उन हस्तशिल्प कारीगरों को व्यापक सहायता प्रदान करना है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी अपने पारंपरिक हस्तशिल्प के माध्यम से जीवनयापन करते आ रहे हैं।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा चलाई गई इस योजना के तहत कारीगरों के कौशल में वृद्धि करना, उनके उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार करना, और बाज़ार तक उनकी पहुँच बढ़ाकर उन्हें सशक्त बनाना मुख्य उद्देश्य है।
इस योजना के अंतर्गत भारत सरकार का लक्ष्य है कि हस्तशिल्पियों की कला की समृद्ध विरासत को संरक्षित रखते हुए उनकी आजीविका को संगठित और स्थायी बनाया जाए। इसके लिए सरकार कारीगरों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है, आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराती है, और प्रशिक्षण देकर उनके कार्य को औपचारिक अर्थव्यवस्था से जोड़ने में सहयोग करती है।
PM Vishwakarma Yojana क्या है?
PM Vishwakarma Yojana केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई एक योजना है, जिसका उद्देश्य पारंपरिक हस्तशिल्प कारीगरों की सहायता करना है। इस योजना के तहत कारीगरों को आधुनिक तकनीक से युक्त उपकरण उपलब्ध कराकर पारंपरिक कला को बढ़ावा देना और उनके कौशल का विकास करना मुख्य लक्ष्य है।
इस योजना के अंतर्गत कारीगरों को ₹3,00,000 तक का जमानत-मुक्त ऋण भी प्रदान किया जाता है। इसके अतिरिक्त, इस योजना का उद्देश्य शिल्प कौशल की गुणवत्ता में सुधार करना और बाजार में कारीगरों की प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना है।
PM Vishwakarma Yojana 2025 Highlights
ब्याज दर | 5% प्रतिवर्ष |
ऋण राशि | 3 लाख रुपे तक |
ऋण अवधि | 4 वर्ष |
फायदे | टूलकिट प्रोत्साहन, कौशल उन्नयन, डिजिटल लेन देन के लिए प्रोत्साहन करना, ऋण सहायता, विश्व कर्मा प्रमाणपत्र और आईडी कार्ड की मान्यता |
PM Vishwakarma Yojana के लिए पात्रता
विश्वकर्मा योजना के तहत आवेदन करने के लिए आवेदक को निम्नलिखित योग्यताओं को पूरा करना आवश्यक है:
- कारीगर या परंपरागत शिल्पकार होना आवश्यक है:
- आवेदक को संगठित क्षेत्र में स्वरोजगार के रूप में अपने पारंपरिक व्यवसाय से जुड़ा होना चाहिए।
- शामिल पारंपरिक व्यवसाय:
इस योजना के अंतर्गत 18 पारंपरिक व्यवसायों के कारीगरों और शिल्पकारों को सहायता प्रदान की जाती है, जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं:- बढ़ई (काष्ठशिल्पी), नाव निर्माता, शस्त्र निर्माता
- लुहार, हथौड़ा और टूल किट निर्माता, ताले बनाने वाले
- कुम्हार—मिट्टी के बर्तन और मूर्ति बनाने वाले, पत्थर तराश मूर्तिकार
- मोची—चर्मकार, जूता और चमड़े का सामान बनाने वाले
- सुनार, राजमिस्त्री, नाई
- टोकरी, चटाई और झाड़ू बनाने वाले
- बुनकर, धोबी, दर्जी
- गुड़िया और खिलौने बनाने वाले, माला बनाने वाले, मछली का जाल बुनने वाले
- आयु सीमा:
- आवेदक की न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए।
- सरकारी ऋण से संबंधित शर्तें:
- आवेदक ने पिछले पाँच वर्षों में किसी अन्य सरकारी योजना के तहत रोजगार के लिए ऋण नहीं लिया होना चाहिए।
- यदि कोई ऋण लिया गया हो, तो उसे पूरी तरह चुकता कर दिया गया हो।
- परिवार से एक ही व्यक्ति पात्र:
- इस योजना में एक परिवार से केवल एक सदस्य पंजीकरण करा सकता है।
- सरकारी कर्मचारियों के लिए प्रतिबंध:
- कोई भी सरकारी कर्मचारी (केंद्रीय या राज्य) या उसके परिवार का कोई सदस्य (पति, पत्नी, और अविवाहित बच्चे) इस योजना के लिए पात्र नहीं है।
PM Vishwakarma Yojana 2025 के लिए आवश्यक दस्तावेज
PM Vishwakarma Yojana में अप्लाई करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज़िन की आवश्यकता होगी :
- आधार कार्ड
- राशन कार्ड
- बैंक खाते का विवरण
- मोबाइल नंबर
- आय प्रमाणपत्र
- कार्य संबंधी दस्तावेज
- निवास प्रमाण पत्र
PM Vishwakarma Yojana के लाभ
पीएम विश्वकर्मा योजना में हस्तशिल्प कारीगरों को निम्नलिखित लाभ प्राप्त करने के लिए एक डिजिटल आईडी, योजना का डिजिटल प्रमाणपत्र, एवं एक विश्वकर्मा आईडी कार्ड मिलता है:
1. कौशल उन्नयन
पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना के तहत उधारकर्ताओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्रों पर प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। सात दिनों का बुनियादी प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद डीबीटी के माध्यम से आधार से जुड़े हुए बैंक खातों में प्रतिदिन ₹500 का प्रशिक्षण वजीफा दिया जाता है। इसके अलावा, 15 दिनों के लिए भी प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाते हैं। इच्छुक व्यक्ति 15 दिनों वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम में भी आवेदन कर सकते हैं। इस प्रशिक्षण के दौरान भोजन और निशुल्क आवास की व्यवस्था की जाती है।
2. टूलकिट प्रोत्साहन
पीएम विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत कौशल उन्नयन के तहत प्रशिक्षित प्रशिक्षणार्थी को ₹15,000 तक का टूलकिट प्रोत्साहन दिया जाता है। उन्नत उपकरणों की खरीद के लिए यह प्रोत्साहन राशि ई-आरयूपीआई/ई-वाउचर के माध्यम से लाभार्थी को दी जाती है।
3. किफायती ऋण
योजना के सभी आवेदकों को ₹5,00,000 तक की बिना जमानत के ऋण राशि उपलब्ध कराई जाती है। इस ऋण पर न्यूनतम 5% ब्याज की दर लागू होती है। यह राशि बिना किसी क्रेडिट इतिहास वाले व्यक्ति को भी आसानी से मिल सकती है।
4. विपणन सहायता
कारीगरों को अपने उद्योग में कार्य कौशल बढ़ाने में मदद करने के लिए नेशनल कमेटी ऑफ मार्केटिंग (NCM) द्वारा उनके मनपसंद क्षेत्रों में विपणन सहायता प्रदान की जाती है। इस सहायता के अंतर्गत निम्नलिखित सेवाएँ शामिल हैं:
- उत्पादों और सेवाओं के लिए ऑनलाइन व भौतिक उपस्थिति
- व्यापार मेलों में विज्ञापन
- ब्रांड का निर्माण
- निर्माताओं से संपर्क
- उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार
- ई-कॉमर्स पोर्टल पर उत्पादों को सूचीबद्ध करना
NCM द्वारा निम्नलिखित क्षेत्रों की लागत की पूर्ति की जाती है:
- गुणवत्ता प्रमाण पत्र
- विभिन्न प्रकार के ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर ऑनबोर्डिंग
- विभिन्न व्यापारिक मेलों में भागीदारी
5. डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहन
PM Vishwakarma Yojana में यूपीआई द्वारा डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। इस योजना के प्रत्येक पात्र लाभार्थी को प्रत्येक डिजिटल लेन-देन पर ₹1 की प्रोत्साहन राशि (मासिक 100 पात्र लेन-देन तक) आधार भुगतान बिल सिस्टम (APBS) के माध्यम से उनके आधार से जुड़े बैंक खाते में जमा की जाती है।
PM Vishwakarma Yojana Online Apply 2025 (पीएम विश्वकर्मा योजना आवेदन प्रक्रिया)
PM vishwakarma yojana की आवेदन प्रक्रिया निम्नलिखित है:
- सबसे पहले आपको PM vishwakarma yojana की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
- होमपेज पर आपको “ऑनलाइन आवेदन करें” का लिंक मिलेगा, इस पर क्लिक करें।
- अपनी यूज़र आईडी और पासवर्ड दर्ज करें और लॉगिन करें।

- अब आपके सामने आवेदन फॉर्म खुलेगा, जिसे आपको ध्यानपूर्वक भरना होगा।
- यहाँ आपको अपना मोबाइल नंबर और आधार कार्ड नंबर दर्ज करके आवेदन फॉर्म को सत्यापित (वेरीफाई) करना होगा।
- स्क्रीन पर दिए गए निर्देशों के अनुसार फॉर्म को पूरी तरह से भरें।
- मांगे गए सभी दस्तावेज़ों की स्कैन की हुई प्रतियाँ (कॉपी) अपलोड करें।
- अब आपको “पीएम विश्वकर्मा सर्टिफिकेट डाउनलोड करें” का विकल्प मिलेगा। इस पर क्लिक करें और सर्टिफिकेट डाउनलोड करें।
- इस सर्टिफिकेट में आपको डिजिटल आईडी प्राप्त होगी, जो भविष्य में आवेदन प्रक्रिया में काम आएगी।
- अब पंजीकृत (रजिस्टर्ड) मोबाइल नंबर का उपयोग करके दोबारा लॉगिन करें।
- इसके बाद आपके सामने पीएम विश्वकर्मा योजना का मुख्य आवेदन फॉर्म खुलेगा।
- फॉर्म में मांगी गई सभी जानकारी सही-सही भरें।
- आवेदन फॉर्म को ध्यानपूर्वक जांच लें और सबमिट कर दें।
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प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना में पूछे जाने वाले सामान्य प्रश्न।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल योजना क्या है?
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल योजना 2023 में असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कारीगरों, शिल्पकारों को समर्थन देने के लिए शुरू की गई थी। इस योजना के तहत कारीगरों को प्रशिक्षण भी दिया जाता है, औजार प्रोत्साहन भी दिया जाता है, एवं अपने व्यापार के लिए बिना जमानत का ऋण भी उपलब्ध कराया जाता है।
विश्वकर्मा योजना के तहत कौन-कौन से काम आते हैं?
विश्वकर्मा योजना के तहत कुल 18 तरह के हुनर आते हैं, जिनमें लुहार, बढ़ई, नाव बनाने वाले, सुनार, मूर्तिकार, चमड़ा कारीगर, राजमिस्त्री, गुड़िया-खिलौने बनाने वाले, ताला बनाने वाले, हथौड़ा बनाने वाले, टोकरी-चटाई-झाड़ू निर्माता, बुनकर, नाई, माला बनाने वाले, धोबी, दर्जी, मछली का जाल बनाने वाले इत्यादि लोग शामिल हैं।
विश्वकर्मा योजना कब शुरू हुई थी?
17 सितंबर 2023 को विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर भारत सरकार द्वारा यह योजना शुरू की गई थी। इस योजना का नाम प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना है।
विश्वकर्मा योजना के उद्देश्य क्या हैं?
विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य गरीब कारीगरों और हस्तशिल्पकारों के विकास के लिए, उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए, कारीगरों की मदद करना, वित्तीय सहायता प्रदान करना और कार्य-कौशल का प्रशिक्षण उपलब्ध कराना है।
विश्वकर्मा योजना में ट्रेनिंग कैसे होती है?
विश्वकर्मा योजना में ट्रेनिंग सेंटर्स की लिस्ट ऑनलाइन जारी की जाती है। आवेदकों को इसे ऑनलाइन माध्यम से चेक करना होता है।